मेरा गाँव
1 . परिचय, 2 . यहाँ के निवासी, 3 . निवासियों की प्रकृति, 4 . सार्वजनिक संस्था, 5 . जमीन, 6 . सड़क, 7 . मेला एवं उत्सव, 8 . सफाई
1. मैं दरभंगा जिले के रामपुर गाँव में रहता हूँ। यह दो सौ परिवारों का एक बड़ा गाँव है।
2 . मेरा गाँव आत्मनिर्भर है। दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के लिए यहाँ के निवासियों को शहर नहीं जाना पड़ता। गल्ला, किराना एवं गहने की दूकानों के अलावा यहाँ लोहार, बढ़ई, चमार, जुलाहा, एक वैद्य और एक डॉक्टर भी हैं। रामपुर के जुलाहे बहुत प्रसिद्ध हैं। वे करघे के कपड़े का खूब व्यापार करते हैं।
3 . साधारणतः हमारे गाँव के लोग झगड़ालू नहीं हैं। वे मुकदमेबाजी में लिप्त नहीं रहते। वे आपस के झगड़े आपस में ही पंचायत के द्वारा निपटाते हैं। वे स्वस्थ भी बहुत हैं । इसलिए उनके बहुत कम पैसे डॉक्टर और वकीलों में खर्च होते हैं।
4 . गाँव में चार प्राइमरी स्कूल, एक हाई स्कूल और एक सार्वजनिक पुस्तकालय है। पुस्तकालय गाँव के नवयुवकों द्वारा स्थापित किया गया है। चंदे द्वारा प्राप्त कोष से ही इसका खर्च चलता है। ‘बाल-क्रीड़ा-समाज’ नामक एक समिति भी यहाँ है। इसके तत्त्वावधान में इस गाँव के नवयुवक मिलते हैं और कबड्डी एवं अन्य खेल खेलते हैं। वे आधुनिक विषयों पर वाद-विवाद भी करते हैं।
5 . गाँव की जमीन नीची है, जो धान के पौधे के लिए अच्छी है। जमीन उपजाऊ है। जब तक बिलकुल सूखा न पड़े, यहाँ उपज अच्छी होती है। यही कारण है। कि लोग इतने धनी और सुखी हैं।
6 . गाँव की सड़कें अच्छी स्थिति में नहीं हैं। केवल एक ही पक्की सड़क उसकी देखभाल भी उचित रूप से नहीं होती। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट बोर्ड जिम्मेदार है। है।
7 . गाँव में दुर्गापूजा एवं शिवरात्रि के दिन हर साल मेला लगता है। शिव और दुर्गा के मंदिर हैं जहाँ मेला लगता है। मेले के अवसर पर दूर-दूर के शहरों की दूकानें यहाँ आती हैं और बहुत पैसे कमाती हैं।
बहुत तरह के खेल दिखानेवाली पार्टियाँ — सिनेमा, सर्कस पार्टी, बाजीगर इत्यादि बहुत लोगों को मेला के लिए आकर्षित करती हैं। ये अवसर युवकों एवं बूढ़ों को समान ढंग से आनंद प्रदान करते हैं।
8 . इस गाँव की सफाई अच्छी है। यहाँ के निवासी सफाई के महत्त्व को जानते हैं। ये अपने घरों के निकट कूड़ा-करकट जमा नहीं करते। बागमती नदी से इन्हें शुद्ध जल मिलता है। मेरे गाँव में एक अच्छे अस्पताल की आवश्यकता है।
Final Thoughts –
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